लेखनी कविता - मुझे बताओ - बालस्वरूप राही

158 Part

29 times read

0 Liked

मुझे बताओ / बालस्वरूप राही दादी अम्माँ, मुझे बताओ, नीचे ही गिरता क्यों फल? धुआँ सदा ऊपर क्यों जाता? नीचे गिरते गेंद उछल। दादी अम्माँ, मुझे बताओ, कैसे बनते है बादल? ...

Chapter

×